कहावत है न ज़रा सी लापरवाही जी का जंजाल । ऑफिस जाने की जल्दी,स्कूटर की चाभी निकालते समय ऑफिस रैक की चाभी भी घास में gum गयी । स्पाट याद थी सो सोचा बाद में खोज लेंगे । अगले दिन सुबह उस स्पाट पर गाय ने गोबर कर दिया था । अब गोबार sookhane का इंतज़ार कर रहा हूं । काम रुका हुआ है , चाभी गोबर के नीचे,बॉस मेरे पीछे । दुआ कीजिये चाभी मिल जाए। उपले चाहिए to batayigaa
बॉस पीछे लगा है - फिर भी इतना तनाव नहीँ कि गोबर में हाथ डाला जाये! लगता है, बॉस लल्लू है। ज्यादा दुआ की जरूरत नहीं!:)
ReplyDeleteउपले तो बोनस हैं, चाभी इतने समय तक न मिल पाने के!
blog ki duniya maen aapka sawgat hai shubhkamnaon sahit
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ReplyDeletebhut badiya likha hai sir...maja aa gaya....
ReplyDeletegobar to sukhega hi sir. aap hi to kehte the.. jab nike din aayenge, tanik na lagihen der. chabi nikalne ka waqt abhi nahi aaya hoga so gobar nahi sukha hai. wait. chabi jayegi kahan!
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