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2/23/23

कभी "ओलार" कभी "दाबू"

कभी "ओलार"  कभी "दाबू"      #Pryagraj 

 "ओलार" यह शब्द प्रयागराज में ही प्रचलन में अधिक है। "ओलार" मतलब होता डिसबैलेंस हो जाना। जैसी आजकल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था "ओलार" है। पाकिस्तानी मीडिया इसको लेकर तरह-तरह के व्यंग कार्टून और वीडियो दिखा रहा। चूंकि पाकिस्तान में खच्चर और गधों की बड़ी संख्या है इसलिए अक्सर कार्टून और वीडियो में "ओलार" अर्थव्यवस्था में इनका भी किरदार होता है।

दोस्तों "ओलार" शब्द पहली बार बड़ी आपात स्थिति में सुना था। मैं प्रयागराज जिले की मेजा तहसील के गांव उपरौड़ा का मूल निवासी। यदा-कदा ही जाना हुआ इधर कुछ वर्षों में तो गया भी नहीं। इलाहाबाद शहर से मेजा रोड चौराहा करीब 35 किलोमीटर और वहाँ से सिरसा 5 किलोमीटर और सिरसा से लगा मेरा गांव है उपरौड़ा गंगा के किनारे। मेजा रोड तक बस जाती थी वहां से 5 किलोमीटर की यात्रा एक्का से होती थी। अब तो ऑटो चलने लगे हैं। मेरे लिए एक्का से 5 किलोमीटर की यात्रा सांसत भरी होती। चरर मरर करते ज्यादातर इक्के बड़ी जर्जर अवस्था में होते और और घोड़ी या घोड़े मरियल। ओवरलोड इक्के में बैठ कर लगता है कि कहीं रास्ते में ही इनका अंजर पंजर अलग न हो जाए। 4 साल का था तब एक विवाह उत्सव में उपरौड़ा यात्रा के दौरान एक्का उलट गया था। पहले सुराही फूटी और उस पर गिरने से मेरा सर फूटा। बाकी लोगों को चोट नहीं आई। एक्का पर बैठते ही वह हदस हावी हो जाती। सिरसा के इक्कों में हुड बस नाममात्र होता कि एक आदमी को भी छाया नहीं मिल पाती लेकिन सवारी अनलिमिटेड। भले ही 10-15 मनई लाद ले लेकिन एक्का कभी फुल नहीं होता था। मैं जानबूझकर किनारे बैठता ताकि अगर उलटने लगे तो छलांग लगा सकूं। यात्रा के दौरान इक्के वाला लगातार चिल्लाता रहता, कभी कहता, "ओलार" बा तनी आगे आवा, कभी चिल्लाता पीछे सरका दाबू बा। सवारियां तुरंत निर्देश पालन करतीं। दोस्तों मेजा रोड क्रॉसिंग से सिरसा जाते समय मेजा रोड रेलवे स्टेशन से सटी हुई एक रेलवे क्रॉसिंग भी पड़ती है। रेल पटेरियां थोड़ी ऊंचाई पर हैं तो रोड पर पहले थोड़ी सी चढ़ाई और फिर ढलान है। बस यही वह स्पॉट है जहां मैंने इक्के को ओलार होते लाइव देखा। मरियल घोड़ी ओवरलोडेड इक्का, इत्तेफाक से उस पर मैं भी सवार था। तो जैसे ही एक्का चढ़ान पर आया, पीछे भार बढ़ गया और ओलार हो गया। घोड़ी हवा में और सवारी सांसत में। इक्के वाला चिल्लाया, पिछवाँ से बस दुई जने उतरा। घोड़ी नीचे आ गई। सब सवारी उतारी गई। क्रॉसिंग पार करने के बाद सब को बैठाया गया और यात्रा फिर शुरू जैसे कुछ हुआ ही न हो। एक प्रतीकात्मक फोटो डाल रहा हूँ ओलार समझने में आसानी होगी।

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