Featured Post
10/22/10
जाना था जापान पहुंच गए चीन
जाना था जापान पहुंच गए चीन वाह भई वाह... साला ये जहाज ना हुआ टेम्पो हो गया. अभी तक ये तो देखा और सुना था कि गलत ट्रेन में बैठ कर कोलकात्ता के बजाय मुंबई पहुंच गए. बनारस में था तो एक दोस्त लाला को लखनऊ के लिए वरुणा पकडऩी थी. लाला चार बजे उनीदा सा उठा. उसे किसी तरह रिक्शा करवाया और मैं सो गया. एक घंटे बाद दरवाजा खटका तो देखा लाला लुंगी लपेटे अटैची लिए खड़ा है. क्या बे लाला, ट्रेन छूट गई क्या? नहीं यार नीद मैं वरुणा के बजाय बक्सर वाली पैसेंजर में बैठ गया था. मुगलसराय से आ रहा हूं्. गलत बस भी लोग पकड़ लेते हैं और टेम्पो सवारियां तो रोज ही रूट को लेकर झिक झिक करती हैं. बस या रेल से आप रास्ते में उतर सकते हैं लेकिन हवाई लहाज से कैसे कूदेंगे. शुक्रवार को तो लखनऊ के अमौसी एअरपोर्ट पर गजबै हो गया. गो एअर के जहाज में पटना के बजाय दिल्ली के यात्रियों को बैठा दिया गया. जब पटना में लैडिंग हुई तो यात्री चकराए कि गुरू ये तो दिल्ली नहीं है. फिर शुरू हुआ हंगामा. सडक़ और रेल पर होते तो स्टेशन और कस्बा पहचान का हल्ला मचाते. अब हवा में कैसे पहचाने के ये पटना वाला रूट है या दिल्ली वाला. और अगर पता भी लग गया कि गलत बैठ गए हैं तो पायलट से भी नहीं कह सकते कि ..अबे उधर कहां ले जा रहा है. और जबरिया रास्ते में उतर भी तो नहीं सकते. धन्य है गो एअर और धन्य हैं यात्री.
लेबल:
अबे उधर कहां..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हा हा बहुते सुन्दर पोस्ट बा
ReplyDeleteगो देयर विदाउट फेयर
ReplyDeleteहा हा हा ...
ReplyDeleteसचमुच ऐसा हुआ ...!!
ये तो मजेदार खबर है और वरुणा के साथ तो हमेसा ही ऐसा होता है लोगों की नीद चौपट कर देती है भईया इति सुबह का उसका टाइम ही क्यों रखा है अक्सर तो वो छुट ही जाती है लोगों से|
ReplyDeleteहा हा हा …………॥सही मे धन्य हैं।
ReplyDeleteये तो मजेदार खबर है|
ReplyDeleteपहली बार ऐसा सुना है। मेरे देश मे कुछ भी असंभव नही। मेरा भारत महान।
ReplyDeleteमजेदार किस्सा।
ReplyDeleteहा,,,हा,,हा,,हा
ReplyDeleteआप भी क्या-क्या मसाला ले आते हैं :)
हा हा हा कमाल की खबर है सर और अपने इंडिया में ही संभव है ..बताईये भला साला उतारा भी तो कहां पटना में ..हा हा हा लगता है पायलटवा का कुछ सामान गोल घर के छत पर छूट गया होगा ..न त पैगवा घोडा वाला ट्रिपल एक्स रम मार लिया होगा ...शुक्र है कि सीधा गांधी मैदान में नहीं लैंड कर गया
ReplyDeleteहा हा ... एक बार हमने भी कुछ ऐसा ही किया था....एअरपोर्ट पर पटना जाने वाली फ्लाईट के बस के बदले हैदराबाद वाली बस में चले गए थे .. टिकट चेकिंग के समय पता चला तो एअरपोर्ट के ट्रैक्टर पर बैठ के पटना वाली प्लेन के पास गए :D
ReplyDeleteभारत से हर जगह फैल रही है यह संवेदना।
ReplyDeleteबाद में पता चला कि पटना-दिल्ली फ्लाइट में सवारी काफी कम और लखनऊ-दिल्ली के प्लेन में जगह थी. सो पैसा बचाने के लिए तय किया गया कि लखनऊ वाले जहाज को पटना ले जाकर और सवारी बैठा ली जाए डग्गामार टेम्पो स्टाइल में.
ReplyDeleteइट हैपेन्स ओनली इन इंडिया !!!
ReplyDeleteअरे सवारी कम होगी दिल्ली की तो पटना ले लिया होगा :)
ReplyDeleteया फिर खलासी ने गलत रूट पकड़ा दिया होगा भांग खा के... 'जाओ बढ़ा के' .
ReplyDeleteहो सकता है किसी पावरफुल यात्री को अचानक पटना जाने का मन कर गया हो ।
ReplyDeleteEk to ye GO AIR wale apko utne hi paise me Patna bhi ghuma rahe hain aur aap shikayat kar rahe hain.
ReplyDelete.....................
khair ye to shukr hai upar wale ka ki Patna le gaye ......DUBAI, SHARJAH ya LAHORE nahi le gaye. ............ wo to dangerous hota.
उनका नाम और स्लोगन ही है, गो इंडिया गो. किधर कहाँ, ये सब सोचे बिना.
ReplyDelete