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7/9/10
अब लौकी की शामत
अब लौकी की शामत है. वही लौकी जो रूप और गुण, दोनों में बिल्कुल सात्विक और साध्वी लगती है. आपने सुना है लौकी ने कभी किसी को नुकसान पहुंचाया हो. चाहे जितना खाएं, ना तो पेट खराब होगा और ना ही एसिडिटी. लौकी तो स्वभाव से ही मीठी होती है और सादगी तो कूट कूट कर भरी होती है. लेकिन अब उसके दामन पर भी दाग लग गया. दिल्ली में आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक की लौकी और करेले का जूस मिला कर पीने से मौत हो गई. वैज्ञानिक और उनकी पत्नी ने जूस का ये मिक्सचर पीया था. मिक्सचर तो वो पिछले चार साल से पी रहे थे. कहा जा रहा है कि जूस ज्यादा ही कड़वा था और इसके विषैले तत्व से वैज्ञानिक की मौत हो गई. यह दुर्र्भाग्यपूर्ण है लेकिन लेकिन लौकी पर लांछन भी दुखद है. करेला कम्बख्त तो अपने कड़वेपन के लिए मशहूर है लेकिन उसके चक्कर में बहन लौकी पर भी उंगलियां उठाना उचित नहीं. चैनल वाले उस जूस के विषैले तत्व का विश्लेषण कर मौत के कारणों का पता लगाने के बजाय लौकी पर लाल-पीले हो रहे हैं. अब लौकी में जहर का इंजेक्शन देकर किसी को खिलाएंगे तो भला वो क्या करे. लेकिन हो सकता है कि कुछ दिन लौकी को तिरस्कार और बहिष्कार झेलना पड़े. आज शाम को बाजार में लौकी देख कर मैं भी एक बार ठिठका लेकिन जिस मासूमियत और निरीह भाव से वो टुकुर टुकुर ताक रही थी तो रहा नहीं गया और एक ले आया. लोग जो भी कहें लेकिन मैं तो लौकी के साथ हूं और आप?
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लौकी
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इजेक्शन दे कर तैयार की जाने वाली फ़सल के लिए दोष इंजेक्शन का है, लौकी का नहीं और फिर ऊपर से ध्यान देने की बात यह है कि उन्होंने लौकी का डिब्बाबन्द जूस पिया। डिब्बाबन्द खाद्यपदार्थों से होने वाली हानियों को दोष दिया जाना चाहिए। पर सच को समझना किसे है? उस झूठे धोखेबाज मीडीया को जहाँ मालिक से लेकर नीचे तक सब अपने बिकने की कीमत तय करके दाम के हिसाब से काम करते हैं और खरीददार के हाथ के गुलाम होते हैं।
ReplyDeleteआज हम क्या खाएं और क्या नहीं समझ में नहीं आता .. खासकर डिब्बाबंद सामानों पर तो विश्वास किया ही नहीं जा सकता .. मौत के बाद अब जिसे दोष दे दिया जाए !!
ReplyDeleteकिस पर भरोसा करें. स्वार्थ की अन्धी दौड़ ने मानवता को नज़रअन्दाज कर दिया है
ReplyDeleteदहशतनाक !
ReplyDeleteबाबा क्या कह रहे हैं इस पर? बहुत पिलाए हैं लौकी जनता को :)
ReplyDeleteमुर्दा गवाही थोड़े देता है... जिसे मन करे उसपर मढ़ दो दोष, लौकी ही सही
ReplyDeleteकड़वी लौकी विषात्क हो जाती है ।
ReplyDeleteहमारे यहां सदा से ही लौकी का प्रयोग सब्जी, रायते, कोफ्ते आदि में होता रहा है.बाबा जी ने तो उसका स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य में जूस बना कर पीने की विधि बताई है. यह घटना तो अपवाद स्वरूप है.वैसे तो food poisaning से भी मृत्यु हो सकती है तो क्या भोजन भी छोड़ दें? लौकी ही क्यों, कुछ भी खाईये,सावधानी रखनी तो आवश्यक है
ReplyDeleteलौकी और करैला दोनों विषाक्त नहीं होते, खाने वाला आदमी विषाक्त होता है।
ReplyDeleteलोगों की तो साँस लेते लेते मौत हो जाती है। क्या ऑक्सीजन को भी ... ?
aray dhang se nahin khaoge to nuksaan hi hoga na.......
ReplyDeletekisi ne thik hi kaha hai ati hone par amrit bhi zahar ban jata hai