Featured Post
6/19/10
दांत चियारे गिफ्ट निहारे
गर्मी की छुट्टियां, ऊपर से शादियों का मौसम. आपने भी कई पार्टियां निपटा दी होंगी. मीठे से तो आपका मन भर गया होगा और गर्मी में ज्यादा खाने-पीने से बचना चाहिए. तो क्यों ना आज खाने के बजाय कुछ इनविटेशंस और गिफ्ट का मजा लिया जाए. राजू श्रीवास्तव और उन जैसे दूसरे कॉमेडियन और मिमिक्री आर्टिस्ट शादी और रिसेप्शन में भेाजन के लिए मचने वाली भगदड़ का जिक्र तो बार-बार कर चुके हैं. चलिए पार्टियों के कुछ और रोचक पहलुओं पर नजर डालते हैं. आप सोच रहे होंगे कि ब्लॉग के इस कॉलम में शादी-व्याह, पार्टी और गिफ्ट की बातें क्यों कर रहा हूं. अरे, ब्लॉगर कोई दूसरे लोक के जीव तो होते नहीं. वो भी इसी समाज में रहते हैं और पार्टी-वार्टी अटेंड करते रहते हैं. ऐसे में ब्लॉग में उनका जिक्र तो होगा ही.
कोई बारात हो या रिसेप्शन, सामने स्टेज पर एक जोड़ी सिंहासन होता है. बाराती जब नागिन डांस कर लस्त-पस्त हो जाते हैं तो द्वारचार के बाद दूल्हे को उठा कर सिंहासन पर बैठा दिया जाता है. फिर मंथर गति से सिर झुकाए दूल्हन आती है. ‘सालियो’ं और ‘जिज्जुओं’ के सपोर्ट से जयमाल होता है. दूल्हन भी सिंहासन पर विराजती है. फिर फोटो सेशन और न्योता और गिफ्ट देने का दौर चलता है. बीच में ही आधे लोग वार जोन यानी भोजन स्थल की और कूच कर जाते हैं. इधर दूल्हा लगातार दांत चियारे और दूल्हन गंभीर मुस्कान के साथ बैठे रहते हैं. उनके ठीक बगल में बारात हुई तो वधू पक्ष की सबसे विश्वसनीय महिला और रिसेप्शन हुआ तो वर पक्ष की खास महिला कॉपी-कलम लिए बैठी रहती हैं जो गिफ्ट और लिफाफे देने वालों के नाम नोट करती हैं. बड़े गिफ्ट पैकेट लेकर आने वाली ‘पार्टी’ स्टेज पर वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पैकेट सौंपती है और 51-101 वाले धीरे से लिफाफा थमा सटक लेते हैं. अगर लिफाफे में हेफ्टी अमाउंट हुआ तो पार्टी लडक़े या लडक़ी के माता-पिता के हाथ में ही उसे सौंपती है. बर्थ डे पार्टी में भी ढेर सारे गिफ्ट पैकेट मिलते हैं. फर्क बास इतना होता है कि पैकेट, पार्टी के बाद खोले जाते हैं लेकिन कुछ लंपट किस्म के बच्चे आपके सामने पैकेट खोल कर आपकी पोल खोल देते हैं. हालांकि अक्सर होस्ट ‘बैड मैनर्स’ कह उन्हें ऐसा करने से रोक कर आपकी इज्जत बचा लेता है.
इंडियन सोसाइटी के इन ट्रेडीशंस और यादों को लेकर जब कोई भारतीय विदेश जाता है और वहां पार्टी के डिफरेंट नाम्र्स और रूल्स से रू-ब-रू होता है ब्लॉग की एक नई पोस्ट का जन्म होता है. अमेरिका और यूरोप में भी गिफ्ट्स की लिस्टिंग होती है लेकिन डिफरेंटली. कई बार तो इनविटेशन में इतने इंस्ट्रकशंस होते हैं कि गेस्ट को शक होने लगता है कि वो गेस्ट है या होस्ट. लंदन में रहने वाली शिखा वाष्र्णेय के ब्लॉग स्पंदन में उनकी पोस्ट ‘कैरेक्टर लेस गिफ्ट’ का रैपर खोल कर देखिए मजा ना आए तो गिफ्ट वापस. लिंक है http://shikhakriti.blogspot.com/2010/06/blog-post_17.html. इसी तरह स्तुति के ब्लॉग भानुमति का पिटारा में अतिथि देवो भव! शीर्षक वाली पोस्ट इस लिंक http://stutipandey.blogspot.com/2010/05/blog-post_13.html पर देखिए और मजा लीजिए पार्टी का. अच्छा चलता हूं, आज मुझे भी एक पार्टी में लिफाफा देना है.
लेबल:
लिफाफा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
bahut khoob .apne to nagin dance ki yad dila di
ReplyDeletebahut badiya sir kya paiket khola hai......
ReplyDeleteलिफाफे में पैसे ही दे आते हैं । दिमाग काम नहीं करता हैं उपहार ढूढ़ने में ।
ReplyDeleteकभी यहाँ वाला सिस्टम ट्राई करके देखिये...कितनी वाहवाही मिलती है आपको :D
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ..मुझे इतना मान देना का बहुत बहुत आभार.
ReplyDeleteलो दुनो को पकड लिए न बढियां किए ..ओईसे भी ई दुनो इहां से भाग कर बिदेस न चले गए हैं इसलिए इनको ही पकडा गया ई ठीक रहा । हा हा हा मजेदार है जी
ReplyDeleteलज़ीज़ विश्लेष्णात्मक व्यंजन परोसे आपने आज की पोस्ट ऊप्स दावत में...
ReplyDeleteशादी के वक्त दूल्हे से ज़्यादा निरीह जीव कोई नहीं होता...अक्ल पे पत्थर तो पहले ही पड़ गए होते हैं...सेहरा बांध कर उसका देखना और बंद कर दिया जाता है...अब बेचारे को हाथ पकड़ कर कहीं भी ले जाओ, मजाल है जो चूं भी कर दे...चाहे हाथ पकड़े पकड़े टॉयलेट में भी बंद कर आओ, खुशी खुशी चला जाएगा...वैसे मुझे ये बात समझ नहीं आती कि शादी वाले दिन दूल्हे को इतने सारे लोग सहारा देने के लिए क्यों तैयार रहते हैं...
ReplyDeleteजय हिंद...
@Stuti: American system yahan laagu kiya to log Hukka - Paani band ker denge :-0
ReplyDeleteबिल्कुल सही चित्रण, ऐसा ही होता है लेकिन क्या करें? जहाँ रहेंगे वैसे ही तो चलना पड़ता है. अगर कुछ अलग करने कि कोशिश करेंगे तो कहा जाएगा बहुत समार्ट बनती हैं. इसलिए जैसा देश वैसा वेश में चलो कोई शिकायत नहीं. दुल्हे के लिए कहा न कि क्यों लोग इतना चढाने में सहायक होते हैं बताऊँ उनमें से कुछ चढ़े होते हैं और कुछ चढ़ने के लिए लाइन में लगे होते है सो - "चढ़ जा बेटा सूली पर भगवान भला करेंगे " और फिर सब दूर झेलो बेटा/बेटी जिन्दगी भर.
ReplyDeleteगिफ्ट के खेल को बहुत सलीके से रेखांकित कर दिया आपने।
ReplyDelete---------
इंसानों से बेहतर चिम्पांजी?
क्या आप इन्हें पहचानते हैं?
बहुत मुश्किल काम है ये भी ....गिफ्ट कार्ड बेस्ट है
ReplyDeleteहे हे ... यहाँ का तो देख लिए अब जा रहे हैं अमेरिका का भी देखे आते हैं :) दांत चियारे.
ReplyDeleteदांत चियारे .............. sir samanya shabdon ka uchit evam manoranjak prayog koi aapse seekhe
ReplyDeleteshikha ji ka gift to khol kar dekh na saki abhi tak par aapke is party ka nimantran unke dwara hin mila. achha laga, ek khali lifafe ka nyota(gift) meri ore se bhi saadar bhent...
ReplyDeleteachha laga padhkar, shubhkaamnaayen.
पार्टी और गिफ्ट सुंदर कटाक्ष. सुंदर रचना से रूबरू करने के लिए धन्यबाद.
ReplyDeletegud
ReplyDelete