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10/24/10
चांदा चमके चम-चम...
आधा है चंद्रमा रात आधी..रह ना जाए बात आधी..मुलाकात आधी.. ये गाना तो सुना होगा. आज भी ये गाना रोमांटिक लगता है. और जब बात शरद पूर्णिमा की हो तो चांद दीवाना बना देता है. सो आज आधे चंद्रमा की नहीं पूरे चांद यानी शरद पूर्णिमा की बात. इसके अमृत का नशा तो पूरी शरद रितु में छाया रहेगा. और ब्लॉगर्स तो पक्के नशेड़ी होते हैं. किसी को व्यंग्य लिखने का नशा होता है किसी को राजनीति में मजा आता है. कुछ तो छुट्टे सांड़ की तरह नथुने फुलाए सींग उठाए ब्लॉगर हाट में इधर-उघर मुंह मारते फिरते हैं. कुछ बिल्कुल गऊछाप हैं, जो कुछ मिला प्यार से जुगाली करते हजम कर जाते हैं. और कुछ रोमांटिक ब्लॉगर हैं जिन्हें फैंटसी की दुनिया में घूमने का नशा होता हैं. तो आज शरद रितु की ओपनिंग सेरेमनी का जाम फुलमून के नाम.
पता नहीं आपने फील किया है या नहीं.जब बारिश और उमस खत्म हो जाती है, दूब और फूलों में लिपटी ओस धीरे से सहलाती है, चंादनी रात में हरसिंगार की भीनी महक कुछ याद दिलाती. लगता है कही दूर कोई गा रहा है ..आधा है चंद्रमा रात आधी..रह ना जाए तेरी-मेरी बात आधी.. मुलाकात आधी.. मन करता है चलो थोड़ा रूमानी हो जाएं. शरद- शिशिर, ये तो उमंग और उत्सव की रितु हैं. ये उमंग ब्लॉग्स में भी रिफ्लेक्ट होती हैं. पहले शरद पूर्णिमा की रात खुले आकाश के नीचे खीर की कटोरी रखने की परम्परा थी. कहते हैं शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत बरसता है. अमृत का तो पता नही लेकिन अब भी ओस का शीतल अहसास सुकून देता है. शायद यही अमृत है.
शरद पूर्णिमा की शाम कई ब्लॉगर्स ओस रूपी इस अमृत में सराबोर मिले. ‘सहज समाचार’ में अखिलेश उपाध्याय की पोस्ट ‘आज आसमान से पूरी रात बरसेगा अमृत’ में शरद पूर्णिमा के पौराणिक महत्व का बखान है. इसमें बड़ी सहज भाषा में यह बताने की कोशिश की गई है कि यह एक मात्र ऐसा उत्सव है जो सचमुच प्रकृति का अनुपम तोहफा है. जो उत्सव हमें पॉजिटिवटी से भर दे, जो आनंद की प्रेरणा दे और भाईचारे का संदेश लेकर आए, उसे तो अमृत बरसना ही कहा जाएगा. यह कृष्ण की रासलीला का भी उत्सव है. उत्सव का आनंद लेने के लिए http://sahajsamachar.blogspot.com/2010/10/blog-post_3185.html क्लिक करें.
चांद में है कुछ बात ऐसी जो हमें कल्पना लोक में खीच लाती है. चांद ही क्यों, मन की और भी बातें दिल खोल कर लिखने के साथ ही सुनने का भी मन करे तो आपको ले चलते हैं पॉडकास्टिंग या कह सकते हैं ऑडियो ब्लॉग की दुनिया ‘ष्टत्रस्वर’ में. दीवाना बना देने वाले चांद के मस्त गाने सुनने हों तो क्लिक करें http://cgswar.blogspot.com/2010/10/blog-post_21.html
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आधा है चंद्रमा रात आधी..
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aapke lekhan ke liye badhai.
ReplyDeleteek aur umda post.concern link mazedar raha.
aur ek purane song ko sunne ka man karne laga..aap likhte rahen mai padhta rahunga.
आसमान तो दिन में भी ऊर्जा का अमृत बरसाता है, आज रात में भी चख लेंगे।
ReplyDeleteआधा है चंद्रमा रात आधी
ReplyDeleteरह न जाए बात आधी
मस्त
शानदार लेखन, बधाई और साथ ही धन्यवाद मुझे अपने लेखन में इनडायरेक्टली शामिल करने के लिये।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लेख और लिंक के लिए आभार !
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