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2/2/10
रूम नं. 317
हे रेल देवता ट्रेन थोड़ी लेट कर देना, बड़ी कृपा होगी. आमीन! जा बच्चा ऐसा ही होगा. और उसके बाद हुआ वो जिंदगी भर नहीं भूलूंगा. इसी लिए कसम खाई है कि विश सोच समझ करूंगा, पता नहीं कब सही हो जाए. पिछले दिन अपने आर्गेनाइजेशन के वार्षिक जलसे में आगरा जा रहा था. जलसा आगरा के मशहूर फाइव स्टार होटल मुगल में था. वहां तीन दिन रुकने की उत्तम व्यवस्था थी. पहले दिन दोपहर बारह बजे रिपोर्ट करना था. ट्रेन के आगरा पहुंचने का टाइम सुबह सात बजे ही था. सोच रहा था कि पांच घंटे कहां बिताउंगा सो काश, ट्रेन दो तीन घंटे लेट हो जाए. लेकिन इसके बाद जो हुआ तो कान पकड़ लिए कि रेल देवता से कभी विश नही करूंगा.
ट्रेन सात बजे के बजाय दो बजे आगरा पहुंची. जलसा एक बजे ही शुरू हो चुका था. हांफते हुए होटल में चेक-इन की फार्मेलिटी पूरी की. बताया गया अपको रूम नं. 317 में रुकना है. उसमें मेरे पार्टनर मनोरंजन सिंह थे. उनकी ट्रेन टाइम से थी सो वो सूट-बूट पहन और टाई- टीका लगा, लंच-वंच कर कांफ्रेंस में जा डटे थे. रिसेप्शन पर एअरहोस्टेस जैसी कई 'मुगल बलाएं' मुस्कराते खड़ी थीं मे आई हेल्प यू स्टाइल में. मैंने कहा मास्टर की से मेरा रूम खोल दीजिए, पहले ही लेट हो चुका हूं. एक मलिका ए मुगल ने कहा फालो मी सर. मैंने कहा फास्ट! उसने दौड़ लगा दी. पीछे-पीछे मैं बैग लिए दौड़ रहा था उसी तरह जैसे हीरोइन के पीछे विलेन दौड़ता है. रूम नं. 317 में घुसते ही 'ट्रिपल एस' (शिट, शेव,शॉवर) को दस मिनट में पूरा करने में जुट गया.
बस यही गड़बड़ हो गई. पहले दो काम तो कुशलतापूर्वक निपट गए लेकिन शॉवर लेते समय शामत आई. बाथरूम में एक तरफ बाथ टब होता है, दूसरी तरफ बेसिन और शीशा वगैरह और दोनो के बीच में कमोड. पूरे फर्श पर टॉवेल बिछी होती है. अब टब में नहाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, उसी में बैठ कर या खड़े होकर नहाना पड़ता है. लोग फिसलें ना इसके लिए टब के अंदर एक रबर की मैटिंग भी बिछी होती है. मेरे टब में मैटिंग बाहर रखी हुई थी. मैं स्लीपर पहने टब में खड़े होकर शॉवर से नहाने लगा लेकिन जैसे ही साबुन का पानी टब की फर्श पर पड़ा कि मैं सटाक से चारों खाने चित. संभलने का मौका ही नहीं मिला. टब के स्लोप के कारण ज्यादा चोट नही लगी लेकिन 'पिछाड़ीÓ के बल गिरने से दर्द तो महसूस हो ही रहा था. तुरंत खड़े हो देखा कि कूल्हे वगैरह सलामत हैं कि नही. दर्द पर ध्यान ना देकर जल्दी से तैयारहो कांफ्रेंस हाल में पहुंचा. लोग हसेंगे इस लिए किसी से गिरने की बात बताई नहीं.
रात को पार्टी-शार्टी हुई. करीब बारह बजे रूम पर पहुंचा. साथी मनोरंजन से थोड़ी गप मारी और लाइट बुझा कर सो गया. सुबह पहले मैं ही उठा. सो रहे मनोरंजन पर नजर पड़ी तो चौंक गया. उनकी नाक पर कट लगा हुआ था और एक आंख के नीचे काला पड़ गया था. जगा कर पूछा ये क्या हुआ. दरअसल सारी लाइट बुझा दी थी इस लिए मनोरंजन रात को अंधेरे में बाथरूम में जाते हुए दरवाजे या किसी और चीज से जा भिड़े थे. रूम नंबर 317 के बाथरूम में एक और बड़ा हादसा टल गया था. मैंने कहा मुझे जगाया क्यों नहीं? बोले आप नींद में थे इस लिए डिस्टर्ब नहीं किया. अब मैं भी खुला कि गुरू इस बाथरूम में दोपहर में तो मैं भी गिरा था. पिछाड़ी में उसकी टीस अभी भी है. एक जोरदार ठहाका और मैंने तीन कसमें खाईं- 1.अब कोई विश नहीं करूंगा 2.टब में स्लीपर पहन कर नहीं नहाउंगा 3. टब में रबर की मैट है कि नही ये पहले चेक करूंगा.
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हा...हा...हा... ओझा जी इस $गुस्ता$ख हंसी के लिए माफ कीजिएगा। बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति है। आमीन।
ReplyDeleteकितने अच्छे हैं रेल देवता! कितनी ज्यादा सुनते हैं! :-)
ReplyDeletetoo good,very humourus.what a funny situation to b innnnnnnnnnnnnn
ReplyDeleteदिलचस्प संस्मरणात्मक विवरण
ReplyDeleteबिना मैट के जरा संभल के चलिये भाई वरना अभी के गिरे हर सर्दी में याद आयेगा. :)
ReplyDeleteरोचक दास्तान!
रोचकता से लिखा हुआ संस्मरण ! आपबीती शेयर कर ठीक किया आपने ! दूसरे भी सोचेंगे ऐसा करते हुए ।
ReplyDeleteआभार प्रस्तुति के लिये ।
Ye daasta acchi lagi....waise aapka dukh hai lekin log enjoy kar rahe hai :-)
ReplyDeleteराजू भाई इसे कहते हैं कंगाली में आंटा गीला लेकिन ये संस्मरण था शानदार
ReplyDeletewah sir bahut majedar thi aap kee aapbeeti . yay na sochiyega kee app kee takleefpar mai khush ho rahi hoo aagay say hum bhi aisi kisee jagah gaye tou dhyan rakhengay.
ReplyDeleteहोटल के किस्सों का तो जखीरा है आपके पास. वो वाला भी लिख डालिए जो आप सुना रहे थे :)
ReplyDeleteझोली भरी हुई है कौन वाला सुनाउ
ReplyDeleteहाथ डालिए जो निकले सुना डालिए भाई......मस्त किस्सा था....दुसरे की टुटने पर हंसी कुछ ज्यादा ही आती है....अपनी भी टुटी है
ReplyDeletemaza aa gaya, hansi rok nahi paa raha hu, hahahaha
ReplyDeletemanoranjan sing k sath the aap to manoranjan to hona hi tha
hahahaha