दिल्ली मेट्रो में नैनो सी मुलाकात...इंद्रप्रस्थ से नोएडा सेक्टर 18 तक का मुख्तसर सा सफर। ...आप तो बिल्कुल नहीं बदले, कहां ठहरें हैं, कहां—कहां गए, किससे—किससे मिले, इंडिया फिर कब आएंगे, अच्छा फिर मिलते हैं,फिर से लिखना शुरू कीजिए... हमदोनों गले मिले...बाय...! कुछ ऐसी ही थी शनिवार को मित्र अभिषेक ओझा से मेरी मुलाकात। अभिषेक अमेरिका से कुछ दिनों के लिए भारत आए थे। संडे को वापस जाएंगे। भागदौड की जिन्दगी में हमदोनों बस इतना सा समय निकाल सके। लेकिन दुनिया के दूसरे छोेर से आया दोेस्त मिला तो सही...मेट्रो सिटी में तो पडोसी हाथ भी नही्ं मिलाते।