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9/30/09

रावण आसानी से नहीं मरते



मायावी रावण ने जुगाड़ कर ही लिया और पूरे परिवार के साथ मुख्य मैदान में आ डटा विजयदशमी के दिन. शाम को काफी भीड़ जुटी राम-रावण युद्ध देखने. अंतत: वही हुआ, बुराई पर अच्छाई की जीत और रावण धू-धू कर जला. मैदान से बाहर आ रहा था कि किनारे रामलीला के कुछ पात्रों में तकरार सुन कर रुक गया. रावण मरा नहीं था. वह किनारे खड़ा हो कर बीड़ी फूंक रहा था और व्यवस्थापकों से कुछ और पैसे मांग रहा था. हुआ ये कि किराए की तलवार, गदा और तीर-धनुष वही लाया था. युद्ध में तलवार टूट गई और तरकश आतिशबाजी की चपेट में आ कर जल गया. रावण थोड़ा तोतला था. वह बार-बार कह रहा था, अब भला मैं टारिक भाई को ट्या जवाब दूंगा. एक दिन के लिए टीर और टलवार टिराए पर लाया ठा. कौन पेमेंट टरेगा, मेरी तो टकदीर ठराब है. खैर उन्हें झगड़ता छोड़ आगे बढ़ा तो रावण दहन देख कर लौट रही भीड़ में कुछ और रावण दिखे. दो शोहदेनुमा रावण एक ग्रामीण महिला पर फिकरे कस रहे थे. कुछ रावण अपनी हार का गम गलत करने देशी के ठेके पर जा बैठे थे. आगे मोड़ पर वर्दी में कुछ रावण ट्रक वालों से वसूली कर रहे थे. घर पहुंचते पहुंचते जीत का जोश ठंडा पड़ चुका था. टीवी खोला तो क्रिकेट में भी आसुरी ताकतों ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. पता चल गया कि कलियुग में रावण इतनी आसानी से नहीं मरते.

12 comments:

  1. टारिक भाई का रावण बड़ा सात्विक रावण है। उसे भारत का प्रतीक चिन्ह बनाना चाहिये। वह जो तोतला भी हो और हैरान परेशान भी टारिक भाई से!

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  2. sahi kaha ki ravan aasani se nahi marte hain...
    isliye to phir se har saal jalte hain...

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  3. इंसानी दिल और दिमाग में छिपा बैठा रावण का समापन आखिर कागज के पुतले जलाने से कैसे संभव है ...!!

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  4. बेचारा रावण । कलियुग में उससे भी बड़े बड़े रावण मौजूद हैं । अब तो बेचेरे की मंदोदरी भी सुरक्षित नहीं है । किसी दिन उसका भी हरण हो जायेगा ।

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  5. kash kee kagaj kay rawan kay sath sath hum samajik burayioo kay rawan ko jala patey.parantu yah ek swpan hai jo kab poora hoga
    yay tou ram hee jan.......................e.

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  6. सर से कलियुग है। अगर यहां हर रोज विजय दशमी हो...यहां हर रोज रावणों को जलाया जाए...क्या सोंचते हैं हम...हो सकेगा रावणों का अंत...?
    समाज की उस दुखती रग पर आपने हाथ रखा है जिससे समूचा देश आजिज है।

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  7. ये रावण फिक्सेसन छोड़िए। मजाक है क्या रावण होना ?
    उतने व्यस्त रहते हुए जिस दिन दिलो दिमाग संतुलित रख पाएँगे उस दिन बात करिएगा . .
    अरे एक साथ इतने रूपों में, इतनी जगहों पर इतनी efficiently काम करते किसी को कभी देखा है क्या आप ने?
    चले आए रावण को कोसने ! हुं:

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  8. टारिक भाई वाला रावण बेचारा ! किस काम का रावण है... बस नाम का. उसे तो भत्ता मिलना चाहिए.

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  9. Ravan ko marne wala bhi ravan hai..ravan isliye nahi marte

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  10. मन के रावण को मिटाए बिना चाहे लाख पुतले जलाते रहो...क्या फर्क पडता है!!

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